

आज, 7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध और अमेरिकी मंदी की आशंकाएं हैं। सुबह 9:17 बजे तक, निफ्टी 50 सूचकांक 3.84% गिरकर 22,030.25 पर और बीएसई सेंसेक्स 3.72% गिरकर 72,600.53 पर पहुंच गया।
प्रमुख सेक्टर्स पर प्रभाव:
- आईटी कंपनियां: अमेरिकी राजस्व पर निर्भर आईटी कंपनियों के शेयरों में 7% तक की गिरावट आई है।
- स्मॉल-कैप और मिड-कैप इंडेक्स: स्मॉल-कैप इंडेक्स में 6.2% और मिड-कैप इंडेक्स में 4.6% की गिरावट देखी गई।
वैश्विक परिदृश्य: एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई है। जापान का निक्केई 225 लगभग 9% गिरा, हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 10% तक लुढ़का, और ताइवान का स्टॉक इंडेक्स लगभग 10% गिरा, जिससे स्थिरीकरण के लिए हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ी।
गिरावट के प्रमुख कारण:
- अमेरिकी टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ, जो अपेक्षा से अधिक व्यापक हैं, ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।
- चीन की प्रतिक्रिया: चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाकर जवाबी कार्रवाई की है, जिससे आर्थिक तनाव और बढ़ गया है।
- मंदी की आशंका: फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया है कि इन टैरिफों का प्रभाव मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास पर पड़ सकता है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना बढ़ गई है।
भारतीय बाजार पर प्रभाव: इन वैश्विक घटनाओं के परिणामस्वरूप, भारतीय बाजारों में भी भारी बिकवाली देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी 50 को 23,500 के स्तर पर मजबूत प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, और मौजूदा प्राइस एक्शन मंदी की ओर इशारा कर रहा है।
निवेशकों के लिए सलाह: वर्तमान बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने और बाजार के रुझानों पर करीबी नजर रखने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखना चाहिए और दीर्घकालिक निवेश के दृष्टिकोण से निर्णय लेने चाहिए।