
हरियाणवी संगीत जगत में मासूम शर्मा एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनकी दमदार आवाज़ और देसी अंदाज़ के कारण वे हरियाणा और उत्तर भारत में खासे लोकप्रिय हैं। लेकिन हाल ही में वे एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। उनके एक गाने पर बैन लगाने के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से इस फैसले का विरोध किया और इसे उनके खिलाफ एक साजिश करार दिया। इस लेख में हम इस विवाद के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
मासूम शर्मा कौन हैं?
मासूम शर्मा हरियाणा के प्रसिद्ध लोकगायक और म्यूजिक कंपोजर हैं। उनके गाने हरियाणवी संस्कृति, गांव की जिंदगी और देसी अंदाज़ को दर्शाते हैं। उन्होंने कई हिट गाने दिए हैं, जिनमें “रामफल की बहू”, “बोल तेरे मीठे मीठे”, “घाघरा”, और “गब्बर” जैसे गाने शामिल हैं।
क्या है विवाद?
हाल ही में मासूम शर्मा के एक नए गाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके पीछे प्रशासनिक कारण बताए गए, लेकिन गायक का दावा है कि यह फैसला पक्षपातपूर्ण है। उनका कहना है कि हरियाणवी संगीत को दबाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है।
गाने पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
गाने पर बैन लगाने के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
- विवादित बोल: प्रशासन का मानना है कि गाने के बोल समाज में गलत संदेश फैला सकते हैं।
- संस्कृति पर प्रभाव: कुछ संगठनों का दावा है कि यह गाना हरियाणवी संस्कृति को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।
- प्रशासनिक फैसला: सरकार या स्थानीय प्रशासन को लगा कि यह गाना कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है।
मासूम शर्मा की प्रतिक्रिया
मासूम शर्मा ने कहा कि हरियाणवी इंडस्ट्री से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। जब गाने की शूटिंग होती है तो कैमरा टीम, स्टंट वाला, स्पॉट बॉय, लाइट बॉय समेत 100 से ज्यादा लोगों को काम मिलता है। महीने में 25 दिन शूटिंग चलती है तो इन्हें प्रतिदिन 800 से 1000 रुपए का मेहनताना मिलता है। अगर उनका काम बंद हो गया तो क्या सरकार इन लोगों को रोजगार दे देगी। अगर सरकार बिना किसी भेदभाव के काम करती है तो उन्हें किसी तरह का एतराज नहीं है। वह बदमाशी के गाने छोड़ भजन तक गा लेंगे। लाइव शो कर लेंगे।
मासूम शर्मा और उनके परिवार को मिल चुकी है धमकी
करीब 2 साल पहले मासूम शर्मा को फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। 2 अलग-अलग नंबरों से कॉल कर धमकाया गया था। जुलाना थाना पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। 1 साल पहले उनके भाई के घर में घुसकर हथियारबंद लोगों ने गालियां दी थीं। आरोपियों ने हवाई फायर भी किया। मासूम के भाई की शिकायत पर पुलिस ने भिवानी जिले के गांव खरक निवासी केहर खरकिया समेत 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।
क्या यह पहली बार हुआ है?
हरियाणवी संगीत में विवाद नए नहीं हैं। इससे पहले भी कई गानों पर प्रतिबंध लग चुके हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह केवल एक संयोग है या फिर एक खास पैटर्न का हिस्सा?
- 2022 में भी हुआ था विवाद: मासूम शर्मा के एक गाने पर पहले भी आपत्ति जताई गई थी, लेकिन तब मामला जल्दी सुलझ गया था।
- अन्य कलाकारों पर भी बैन: इससे पहले हरियाणवी कलाकार अमित सैनी रोहतकिया और वीर साहू के गानों पर भी आपत्ति जताई जा चुकी है।
हरियाणवी संगीत पर बैन: एक साजिश या सही फैसला?
मासूम शर्मा के समर्थकों का कहना है कि यह केवल उन्हें टारगेट करने की कोशिश है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ समाज में शांति बनाए रखना है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि हरियाणवी संगीत को दबाने की कोशिश हो रही है या फिर वाकई कुछ गाने असंवैधानिक हैं?
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
यह विवाद सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए:
- समर्थकों की राय: “हरियाणवी संस्कृति को बचाने के लिए यह गलत फैसला है।”
- विरोध करने वालों की राय: “अगर गाना आपत्तिजनक है, तो इसे बैन किया जाना चाहिए।”
- न्यूट्रल लोगों की राय: “हमें निष्पक्ष जांच की जरूरत है।”
भविष्य में क्या होगा?
अब सवाल यह है कि इस विवाद का अंत कैसे होगा? कुछ संभावनाएं यह हो सकती हैं:
- गाने से विवादित अंश हटाए जा सकते हैं।
- कोर्ट में मामला जा सकता है।
- सरकार समझौते का रास्ता निकाल सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- मासूम शर्मा का कौन-सा गाना बैन हुआ है?
- अभी तक आधिकारिक रूप से गाने का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन यह जल्द ही स्पष्ट हो सकता है।
- क्या यह पहली बार है जब उनके गाने पर बैन लगा है?
- नहीं, इससे पहले भी उनके कुछ गानों पर आपत्ति जताई गई थी।
- क्या वे इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे?
- संभावना है कि वे इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं।
- हरियाणवी संगीत पर अक्सर बैन क्यों लगता है?
- कई बार गानों के बोल समाज में गलत संदेश पहुंचाते हैं, इसलिए प्रशासन कार्रवाई करता है।
निष्कर्ष
यह विवाद हरियाणवी संगीत जगत में एक नई बहस को जन्म दे चुका है। जहां एक तरफ कलाकारों को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहिए, वहीं प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभा रहा है। इस विवाद का क्या नतीजा होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि यह मामला जल्द शांत होने वाला नहीं है।