

भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को बड़ी हलचल देखने को मिली जब निफ्टी में एक ही दिन में 4000 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई। यह हाल के वर्षों में सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है और निवेशकों के बीच घबराहट का माहौल बन गया है।
गिरावट के प्रमुख कारण
- वैश्विक मंदी का डर
अमेरिका और यूरोप में बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता और मंदी की संभावनाओं ने वैश्विक बाजारों पर दबाव डाला है। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। - जियोपॉलिटिकल टेंशन
मिडल ईस्ट और एशिया में जारी भू-राजनीतिक तनावों ने निवेशकों की भावनाओं को और कमजोर किया है। - FIIs की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारी मात्रा में शेयरों की बिकवाली ने बाजार को और नीचे गिरा दिया। - डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर
रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होता जा रहा है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास और कमज़ोर हुआ है।
निवेशकों के लिए सलाह
- घबराने की ज़रूरत नहीं है – ऐसे समय में लॉन्ग-टर्म निवेशक घबराकर अपने पोर्टफोलियो से बाहर न निकलें।
- अवसर की तलाश करें – जिन निवेशकों के पास नकद है, उनके लिए यह गिरावट एक अच्छा खरीदारी का मौका हो सकता है।
- डायवर्सिफिकेशन बनाए रखें – एक ही सेक्टर या स्टॉक पर निर्भर न रहें, पोर्टफोलियो को विविध बनाए रखें।
सरकार और सेबी की भूमिका
सरकार और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए कुछ अहम कदम उठाने की बात कही है। उम्मीद की जा रही है कि बाजार में जल्द ही स्थिरता लौटेगी।